दुश्मनों का सफाया
एक बार एक फौजी अफसर की शादी हुई। उसने अपने बटालियन के सारे जवानों को शादी की दावत पर बुलाया।
खाना टेबल पर लगाकर सब जवानों को फौजी अंदाज मे कहा- "मेरे शेरों इस खाने को दुश्मन समझकर इसके ऊपर टूट पड़ो।"
थोड़ी देर में फौजी अफसर ने देखा कि एक जाट एक हाथ से लड्डू-जलेबी खा रहा है और एक हाथ से लड्डू-जलेबी जेब में ठूस रहा है।
अफसर- ये क्या कर रहे हो?
जाट- साहब जितने मारने थे, मार दिए। बाकियों को बंदी बना रहा हूँ।

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