चिंताएं
Offline रहता हूं तो सिर्फ दाल, रोटी, नौकरी एवं
परिवार की ही चिंता रहती है
Online होते ही
धर्म, समाज, राजनीती, देश, विश्व
और पूरे ब्रह्माण्ड की चिंताए
होने लगती है
आम भारतीय नागरिक
ये वो दौर है जनाब
जहां इंसान गिर जाये तो
हँसी निकल जाती है
और मोबाईल गिर जाये तो
जान निकल जाती है

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सच्ची बात पर हंसना तो बनता है😀😀